सियासी चर्चा-रामनगर के रण में कौन मरेगा बाज़ी ? हरदा-रणजीत और दीवान सिंह बिष्ट के बीच मुकाबला


रिपोर्ट-हिना आज़मी

देहरादून- उत्तराखंड कांग्रेस ने 11 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कांग्रेस रामनगर सीट से चुनावी रण में उतारने वाली है लेकिन वहीं दूसरी ओर रामनगर सीट पर दावेदारी करने वाले और हरदा के खास माने जाने वाले रंजीत रावत कांग्रेस के इस फैसले से नाराज नजर आ रहा हैं। भले लंबे वक्त से रंजीत रावत इस विधानसभा में सक्रिय नजर आ रहे हो लेकिन वही रामनगर के रण में हरीश रावत भारी पड़ते नजर आए और इस सीट पर आखिरकार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने पुराने सिपहसालार रंजीत रावत पर 21 साबित हुए। कांग्रेस की दूसरी लिस्ट जारी होते ही हरीश रावत का एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें हरदा रामनगर सीट से चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। इस ऑडियो से उत्तराखंड की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है। रामनगर सीट पर हरदा के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद रंजीत रावत निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकते हैं इसके अलावा वह सल्ट से अपने बेटे की दावेदारी पेश कर रहे हैं अगर ऐसा ना हुआ तो उनका बेटा भी निर्दलीय चुनाव लड़ सकता है ऐसे में सीधे तौर पर कांग्रेस की कला से भाजपा को फायदा हो सकता है।

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उत्तराखंड की सियासत के सबसे माहिर खिलाड़ियों में शुमार हरदा एक बार फिर अपने सियासी कौशल को दर्शाते नजर आए। हालांकि कॉन्ग्रेस की तरफ से अब तक रंजीत रावत रामनगर सीट पर चुनावी बिसात बिछाते रहे लेकिन इस बार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रामनगर सीट पर बाजी मार ली। चले कि साल 2017 में इस विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले रंजीत रावत इस बार भी रामनगर सीट से ताल ठोकने की तैयारी कर रहे थे लेकिन हाईकमान ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। कहा जाता है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले तक हरीश रावत और रंजीत रावत एक दूसरे के करीबी माने जाते थे लेकिन चुनाव के दौरान दोनों में आपसी खटपट के बाद 36 का आंकड़ा शुरू हो गया जिसके बाद रंजीत प्रीतम सिंह के कैंप के साथ जुड़ गए। हालांकि प्रीतम सिंह रंजीत के टिकट के लिए जद्दोजहद करते रहे लेकिन आखिरी राउंड में प्रीतम कैंप को मात देकर हरदा इस सीट से टिकट करवाने में कामयाब रहे।
जैसे ही हरीश रावत का नाम रामनगर सीट के लिए घोषित हुआ वैसे ही मानो उत्तराखंड के सियासी गलियारे में सुगबुगाहट शुरू हो गई। इसी बीच हरीश रावत का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें हरीश रावत रामनगर की सीट से दावेदारी पेश करते नजर आ रहे हैं। इस पर भाजपा कांग्रेस की कलह पर निशाना साध रही है।
वहीं दूसरी ओर खबर यह भी आ रही है कि रंजीत रावत अब कांग्रेस से अलग होकर निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकते हैं। इसी के साथ ही सर विधानसभा सीट से दावेदारी करने वाले उनके बेटे भी टिकट ना मिलने पर बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसा अगर होता है तो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दीवान सिंह बिष्ट को सीधे तौर पर फायदा होगा। अब सवाल यह है कि हरीश रावत की रामनगर सीट पर हो रहा बवाल चुनावी परिणाम पर क्या असर डालता है।

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