देहरादूनः 18 हजार फुट पर स्थित ओल्ड लिपुपास से पर्यटक अब पवित्र कैलाश के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए शासन स्तर पर एसओपी बन गई है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 15 सितंबर से पर्यटक कैलाश दर्शन कर सकेंगे। मुख्यालय स्तर पर यात्रा शुरू करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है।
चीन से सीमा विवाद और कोरोना के बाद से कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद चल रही है। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग ने ओल्ड लिपुपास से दो किमी ऊपर खड़ी चढ़ाई पर 18 हजार फुट से कैलाश के दर्शन कराने के लिए योजना बनाई। इस संबंध में पर्यटन विभाग ने रक्षा मंत्रालय से अनुमति मांगी थी। रक्षा मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद पर्यटन विभाग ने कैलाश दर्शन स्थल का निरीक्षण किया था। इसके बाद दर्शन कराने के लिए एसओपी बनाने का निर्णय लिया गया।
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शासन स्तर पर एसओपी बन गई है। पर्यटकों को नियमों का पालन करना होगा। चीन सीमा से नजदीक होने के कारण यहां पर पर्यटकों को सावधानियां बरतनी होंगी। एक बार में सिर्फ 10 से 20 लोगों को कैलाश दर्शन के लिए ले जाया जाएगा। कैलाश दर्शन के लिए सुबह आठ से 11 बजे का समय निर्धारित किया गया है। जिस स्थल से कैलाश पर्वत के दर्शन कराए जात हैं। वह स्थान बहुत ऊंचाई पर स्थित है। 11 बजे बाद यहां तेज हवाएं चलने लगती हैं और बादल लग जाते हैं। इसलिए कैलाश के दर्शन नहीं हो पाते हैं। इसके अलावा यहां सिर्फ आधे से पौन घंटे तक ही पर्यटक को रुकने की अनुमति मिलेगी। पर्यटक अपने साथ पूजा-पाठ और प्लास्टिक का सामान नहीं ले जा सकते हैं। यहां से सिर्फ दर्शन की अनुमति दी जाएगी। दर्शन के बाद उन्हें वापस नाभीढांग पहुंचा दिया जाएगा।
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ऑल ट्रेवल व्हीकल से 18 हजार फुट पर पहुंचाने की तैयारी
पर्यटकों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए पर्यटकों को ऑल ट्रेवल व्हीकल से 18 हजार फुट तक पहुंचाया जाएगा। वाहन से कोई दिक्कत न हो इसके लिए ओल्ड लिपुपास से रास्ते को ठीक किया जाएगा।
18 हजार फुट से कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए एसओपी बन बई है। मानसून काल होने से अभी आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा भी बंद चल रही है। वर्तमान में कैलाश पर्वत दर्शन की तैयारियां मुख्यालय स्तर पर चल रही हैं। 15 सितंबर बाद पर्यटक कैलाश के दर्शन कर सकते हैं।
– कीर्ति चंद्र आर्या, जिला पर्यटन विकास अधिकारी पिथौरागढ़।