जम्मू कश्मीर: हर बार की तरह इस बार भी जल प्रलय बनकर सामने आया है। शुक्रवार की शाम को जम्मू कश्मीर के अमरनाथ में बादल फट गया और इसके बाद पहाड़ से आया सैलाब श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए 3 लंगरों सहित लगभग 40 टेंट बहा ले गया। सैलाब गुफा के सामने श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए टेंटों के बीचों-बीच निकला। सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ीं कई टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं।
इस जल प्रलय की चपेट में आए शिविर के टेंटों से निकालकर लोगों को फौरन पहाड़ की ढलान तक सुरक्षित पहुंचाया गया। कई लोगों को बचाया गया है। घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। हादसे के समय गुफा के पास करीब पांच हजार लोग मौजूद थे। यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ीं कई टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं।
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अमरनाथ हादसे में मरने वाले 16 लोगों में से पांच की पहचान हो चुकी है। इसमें तीन राजस्थान और दो दिल्ली के रहने वाले हैं। इस बीच चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला भी प्रभावित इलाके में पहुंचकर राहत और बचाव अभियान का जायजा ले रहे हैं। घटनास्थल पर सेना का एमआई 17 हेलिकॉप्टर राहत कार्य में लगा है।
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सूत्रों के मुताबिक, लापता लोगों की तादाद ज्यादा है। जिसके चलते अंधेरा होने के बावजूद रात को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। वहीं, यात्रा मार्ग भी कई जगहों पर बह गया है। ऐसे में फंसे हुए यात्रियों को अलग-अलग रेस्क्यू दल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।
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