देहरादून. उत्तराखंड में 12 से 15 दिसम्बर तक विश्व का सबसे बड़ा जी विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस कन्वेंशन हो रहा है जिसको लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कन्वेंशन का सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा कर्टेन रेज किया गया।
कन्वेंशन के बारे में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस आयोजन के लिए विभाग को बधाई दी इस दौरान सीएम ने कहा कि उत्तराखंड योग और आयुष की भूमि है और यहां पर इस प्रकार के कार्यकम का उत्तराखंड में होना सौभाग्य की बात है कई चीज़ों पर इस आयोजन में मंथन और चिंतन होगा और कई महानुभावों के अनुभव यहां काम आयेंगे और इसमें 58 देशों के 300 से ज़्यादा लगा अलग प्रतिनिधि भाग लेंगे। आयुर्वेद और वेलनेस पर्यटन के क्षेत्र में भी बढ़ावा देगा। कोरोना के समय भी आयुष आयुर्वर ओर योग का प्रभाव देखा है निश्चित रूप से उत्तराखंड अनेक क्षेत्रो में काम कर रहा है उत्तराखंड आरोग्य की प्रज्ञा भूमि है ऋषि मुनियों के द्वारा पूर्वजों के द्वारा उत्तराखंड में अनेक शोध हुए है।
12 से 15 दिसम्बर तक चलने वाले इस दसवें संस्करण का उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हो रहा है इसमें 135 से ज़्यादा प्रतिनिधि अलग अलग देशों से आ रहे है और तकरीबन 6500 सेलर्स बायर्स का इसमें अभी तक रजिस्ट्रेशन हुआ है आयुर्वेद के नए रिसर्च के बारे में बताया जाएगा अलग अलग आयुष के क्षेत्रो के विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है केंद्र और राज्य सरकार के अलग अलग विभागों द्वारा भी स्टॉल लगाए जाएंगे। ऐसे आयोजनों का मुख्य उद्देश आयुष को पूरे देश में बढ़ावा देने के लिए है और इससे आय के स्त्रोत भी बढ़ेंगे उत्तराखंड को आयुष की जननी के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद की अलख जलाने का पूरे विश्व में ये आयोजन कारगर साबित होगा। उत्तराखंड विकास के क्षेत्र में निरन्तर आगे बढ़ रहा है और आज उत्तराखंड राज्य का नाम अच्छे राज्यों की सूची में है और हमारे द्वारा किए गए कार्यों को पूरे देश में सराहा जा रहा है। आपको बता दे ये आयोजन राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में हो रहा है।उत्तराखंड हर दृष्टि से अनुसंधान के अनुकूल है चार दिवसीय इस आयोजन से उत्तराखंड नए आयाम स्थापित करेगा और लोग इससे लाभान्वित होंगे।