रिपोर्ट- दीपिका गौड़
इन दिनों सोशल मीडिया पर अग्नि वीरों को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ चुकी है। कोई इसके समर्थन में उतर रहा है तो उसका विरोध भी लगातार हो रहा है।
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इसी बीच सोशल मीडिया पर ही कुछ लोगों ने यह मांग की है कि जिस तरह अग्निवीरों का कार्यकाल 4 साल का सुनिश्चित किया गया है वहीं अगर विधायकों- सांसदों का कार्यकाल भी कम किया जाए और साथ ही उनकी सारी सुविधा कम कर दी जाए।
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बात नेताओं की करें तो यदि कोई नेता जितने भी पद पर रहता है चाहे कुछ ही वक्त के लिए रहे उस से हटने के बाद उसे तमाम सदस्य पेंशन मिलती हैं। इसी को लेकर कई लोग सोशल मीडिया परतंज कसा रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि नेताओं को क्या-क्या सुविधा मिलती है।
हमारे देश में बजट का बहुत बड़ा हिस्सा पेंशन में जाता है। आगे इन अग्निवीरों को पेंशन नहीं देनी होगी तो क्या सैन्य बजट की संतुलन करने के लिए यह स्कीम लाई गई है। यदि हां तो उन सदन वीरों की पेंशन और भक्तों पर कैची क्यों नहीं चलाई जाती ? जिनके करोड़पति होने के बावजूद भी देश में सालाना करोड़ रुपए पूर्व विधायक पूर्व सांसदों की पेंशन पर खर्च किया जाता है।
एक ओर सेना में भर्ती होने वाले युवा है जो अपनी जान की परवाह किए बिना हमारी सुरक्षा के लिए सरहदों पर हर मौसम में डटे रहते हैं । उन्हें उनके परिवार एवं भविष्य की सुरक्षा का भरोसा हमेशा से रहा है लेकिन अब नई योजना से भविष्य का संकट उनके मन में है। दूसरी और राजनेता है। जिनकी भविष्य की राजनीति का अता पता ना हो पर इनकी भविष्य की सुरक्षा भरोसा हमेशा से इनके पास रहता है।
नेताओं की पेंशन पर एक नजर-
विधायक पेंशन
पूर्व विधायकों की मूल पेंशन, महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते मिला दिए जाएं तो कई की पेंशन आईएएस अफसर की सेलरी से भी ज्यादा है। उत्तराखंड प्रदेश में एक दिन के लिए भी अगर कोई विधायक बनता है तो उसकी चालीस हजार रुपये की पेंशन पक्की हो जाती है जबकि नई पेंशन स्कीम के तहत बीस साल की सेवा पर भी कर्मचारी को सिर्फ तीन हजार रुपये पेंशन मिल ती है। याचिकाकर्ता निजामुद्दीन द्वारा लगाई गई आईटीआई के जवाब में जानकारी मिली कि 95 पूर्व विधायकों की पेंशन पर हर महीने लगभग 52 लाख 73 हजार 900 रुपये व्यव हो रहे हैं।
वर्तमान विधायकों की भी बड़ी कमाई-
वर्तमान विधायकों को वेतन व सभी प्रकार के भत्ते मिरुपयेहर महीने लगभग ढाई लाख रुपये मिलते हैं। इसमें 30 हजार रुपये वेतन, डेढ़ लाख रुपये निर्वाचन भत्ता, ड्राइवर के लिए 12 हजार रुपये, सचिवीय भत्ता 12 हजार, मकान किराए के रूप में 300 रुपये, जनसेवा भत्ता प्रतिदिन दो हजार रुपये
लोकसभा पेंशन
3580 पूर्व सांसद को अभी पेंशन दी जा रही है।
268 पूर्व सांसद आश्रित पेंशन पा रहे हैं।
राज्यसभा पेंशन
568 पूर्व सांसद पेंशन ले रहे हैं।
219 पूर्व सांसद आश्रितों को पेंशन दी जा रही है।
2018 से 19 में पेंशन
70.50 करोड़ रुपए प्रति माह
अरबों- खरबों की संपत्ति के मालिक पूर्व M.P – M.L.A कब तक लेंगे पेंशन –
आपकी सैलरी काम के आधार पर आपके अधिकारी तय करते होंगे लेकिन दुनिया के कई देशों में जनप्रतिनिधि अपनी सैलरी और सुविधा पर खुद फैसला नहीं कर सकते हैं लेकिन हमारे देश में सांसद हो या विधायक अपनी सैलरी और भत्ते का फैसला सदन में आपस में मिलकर सहमति द्वारा कर लेते हैं।
अब तक सेना के जवानों के पास 17 साल की नौकरी और पेंशन समेत दूसरी सुविधाएं रही है। इसी सामाजिक सुरक्षा के दम पर जवान देशवासियों को राष्ट्रीय सुरक्षा का एहसास देते आए हैं।
अब सवाल यह है कि अगर फंड मुद्दा वहां है तो नेताओं के लिए क्यों नहीं?
कई बड़े उद्योगपति पूर्व सांसद की पेंशन खाते में पा रहे हैं
लोकसभा में 88% करोड़पति सांसद,
देश में 78% करोड़पति विधायक भी आगे पेंशन पाएंगे।
हमारे देश में अगर कोई नेता विधायक बन जाए और बाद में सांसद भी तो पूर्व विधायक और पूर्व सांसद दोनों की पेंशन पाता है।
विधायक अगर सांसद बन जाए तो सांसद का वेतन भी उठाता है और साथ ही साथ पूर्व विधायक होने की पेंशन भी पाता है। साथ ही साथ ही रहने के लिए सरकारी मकान की सुविधा एवं मेडिकल, यात्रा भत्ता आदि भी मिलता है।
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