सीएम धामी को टक्कर देने वाली कौन हैं निर्मला गहतोड़ी (Biography of Nirmala Gehtouri)

 

 

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देहरादून- (Biography of Nirmala Gehtouri) 31 मई को चंपावत में उपचुनाव होने हैं ऐसे में भारतीय जनता पार्टी पूरे जोरों शोरों से तैयारी कर रही है तो वहीं कांग्रेस ने भी एक महिला के रूप में  निर्मला गहतोड़ी को चुनावी रणभूमि में उतार दिया है। प्रदेश में धाक जमा चुके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को टक्कर देने वाली निर्मला गहतोड़ी कौन है(Biography of Nirmala Gehtouri) आइए बताते है।

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Biography of Nirmala Gehtouri

(Biography of Nirmala Gehtouri) आज के दौर में महिला सशक्तिकरण की बहुत बातें होती हैं , इस दौर निर्मला गहतोड़ी की कहानी बेहद प्रेरणाप्रद है।

(Biography of Nirmala Gehtouri) एक लड़की जो एक शिक्षक के घर पैदा हुई , शिक्षक जो आज़ादी के पहले की ज़माने में MA पास थे , लेकिन घर का मोह उन्हें उत्तराखंड के लोहाघाट नमक एक छोटे से कस्बे से बांधे रखा।

Biography of Nirmala Gehtouri

Biography of Nirmala Gehtouri
Biography of Nirmala Gehtouri

(Biography of Nirmala Gehtouri)6 बच्चों में चौथी संतान निर्मला , बहुत मेहनती एवं हिम्मती थी , अपने पिताजी की लाड़ली , आज की भाषा में फेवरेट। इण्टर तक पढ़ाई के बाद शादी हो गयी। शादी भी एक शिक्षक के साथ।
शादी जहाँ हुई वो भी एक गरीब परिवार ही था। शादी के बाद जीवन एक आम उत्तराखंड के गांव की महिला का। गाय के चारे के लिए घास काटने जंगल जाना , बड़े-बड़े पेड़ों में चढ़ के
गाय-भैंस का चारा इखट्टा करना आदि-आदि , जो एक उत्तराखंडी आम ग्रामीण महिला करती है। शादी के दस वर्ष तक यही दिनचर्या चली फिर पति का ट्रांसफर हुआ चम्पावत कस्बे में ,
तो अपने तीन बच्चों को ले के पति के साथ नयी जगह आ गयी। हैंडलूम में कालीन बनाने की ट्रेनिंग ली थी , उसका उपयोग कर के कुछ समय के लिए आई टी आई में इंस्ट्रक्टर का काम भी किया।

कुछ सालों के बाद गावं की प्रधानी की सीट महिला आरक्षित हुई तो गांव वालों को साफ़ बात करने वाली , पढ़ी लिखी , और मेहनती निर्मला याद आयी।

Nirmala Gehtouri

Biography of Nirmala Gehtouri गांव वालों ने निर्विरोध ग्राम प्रधान निर्वाचित कर दिया। कुछ लोगों का सोचना ये भी होगा के क्योंकी अब निर्मला गांव में तो रहती नहीं है, प्रधानी का रिमोट हमारे हाथ रहेगा।
कुछ लोग “प्रधान पति” वाली बात भी सोच रहे थे। लेकिन ये मौका था एक महिला के लिए अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने का , और ये भी बताने का की अगर नेतृत्व एक महिला को दिया जाय तो वो
उसे चला भी सकती है और बिना डरे फैसले भी ले सकती है। फिर चाहे ग्राम पंचायत की मीटिंग हो या ब्लॉक , जिला लेवल की मीटिंग , सब फैसले निर्मला खुद ही लेती थी और लोगों को सहमत भी कराती थी।

पति ने भी कभी काम में टांग नहीं अड़ाई, उन्होंने बच्चों की पढाई की जिम्मेदारी निभाई और अपना शिक्षक का काम पूरी ईमानदारी से बिना राजनीती में कोई दखल दिए करते रहे।

निर्मला ने भी अपना प्रधानी का काम पूरी ईमानदारी से जारी रखा ,गांव के विकास कार्य के लिए संघर्ष किया, गांव में एक प्रधान के रूप में जितना बन पढ़ा उससे ज्यादा किया। फिर राजनीती के रास्ते में चलती चली गयी , जनता की कई मुद्दे उठाये , उत्तराखंड आंदोलन , शराब विरोधी आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। लोगों की मदद करना , गावों में महिला मंडलों के साथ काम करना , इन सब में बहुत नाम कमाया। फिर राजनीती में कुछ हार भी हुई , जिला पंचायत का चुनाव लड़ा तो हार मिली , लेकिन गर्व करने की बात ये है के इस पुरुष प्रधान समाज में चुनाव लड़ी तो पूरी तरह अपने दम पे।

 

Biography of Nirmala Gehtouri
इस बीच कांग्रेस पार्टी की सदस्य भी बनी और फिर कुछ समय के बाद कांग्रेस की जिला अध्यक्ष बनायीं गयी , पहली बार कोई महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष बनी थी। कुछ ने इसे टेम्पेरेरी अरेंजमेंट माना तो कुछ को लगा के चला नहीं पायेगी और खुद ही छोड़ देगी। लेकिन वो तो अध्यक्षी भी चलाने लगी। नयी टीम बनायीं , कुछ पुराने लोग नाराज़ भी हुए। जिले के सर्वांगीण विकास के लिए जनपद के विभिन्न कार्यालयों का अलग-अलग जगह विकेन्द्रीकरन के बाबत दिए बयान को दुष्प्रचारित कर निर्मला गहतोड़ी के पुतले भी जलाये गए। बहुत हतोस्ताहित करने का प्रयास हुआ , लेकिन निर्मला डटी रही , चुनातियों से लड़ती रही। फिर कार्यकर्ताओं की टीम साथ हो गयी और आम जनता का साथ मिला |जिला अध्यक्षी 10 साल तक सफलता पूर्ण चलायी। फिर ऐ आई सी सी की सदस्य रही।

Biography of Nirmala Gehtouri  आज चम्पावत जनपद की राजनीती में अग्रणी महिलाओं में एक हैं। पार्टी ने और भी कई महत्वपूर्ण काम सौपे , जिनमे राज्य महिला सशक्तिकरण की उपाध्यक्ष , राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष के रूप में किया कार्य प्रमुख हैं।

Biography of Nirmala Gehtouri अब सभी की नजर सिर्फ़ चम्पावत पर टिकी हैं क्योंकि वही चुनावी रणभूमि है जिसमें मुकाबला मुख्यमंत्री धामी और निर्मला गहतोड़ी के बीच होगा।

source: Gautam Nautiyal

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