सत्र शुरू लेकिन आखिर कब तक कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष और भाजपा मंत्री पदों का कर पायेगी बटवारा ?

 

 

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देहरादून- प्रदेश में चुनाव हो चुका है और सरकार भी बन चुकी है। बीती 23 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने आठ मंत्रियों के साथ शपथ भी ले ली है । वही कल से प्रदेश में विधानसभा सत्र की शुरुआत हो जाएगी लेकिन इससे पहले नहीं भारतीय जनता पार्टी बनाए गये कैबिनेट मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर पाई हैं और ना ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर किसी को बिठा पाई है। सरकार के गठन के 5 दिन बाद भी सरकार मंत्रियों को जिम्मेदारी नहीं दे पाई है। भाजपा सरकार के कार्यकाल का यह पहला सत्र होगा जिसमें मंत्री तो शामिल होंगे लेकिन किस विभाग की जिम्मेदारी कैसे मिलेगी इस पर अभी कुछ साफ नहीं हो पाया है। वहीं कांग्रेस के सामने भी यही सवाल खड़ा है कि सदन में बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन की कार्रवाई किस तरह सुचारू रूप से चलेगी। हालांकि कांग्रेस की तरफ से यह कहा जा रहा है कि आज नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है लेकिन जब तक कुर्सियां खाली रहेंगी तब तक सवाल खड़े होते रहेंगे।

प्रदेश में चुनाव के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री और 8 कैबिनेट मंत्रियों के शपथ लेने के बाद अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि आज चुने गए कैबिनेट मंत्रियों में किसे और कब कौन सी जिम्मेदारी मिलती है। हालांकि भाजपा मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद आठ मंत्रियों के चेहरे साफ कर चुकी है लेकिन अभी तक यह सस्पेंस बना हुआ है कि आखिर धामी सरकार में मंत्रियों को विभाग का बंटवारा कब किया जाएगा? उत्तराखंड में नई सरकार के गठन हुए 5 दिन बीत चुके हैं लेकिन सीएम धामी ने अब तक अपने मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं किया है। कल यानी 29 मार्च से विधानसभा सत्र भी शुरू हो जाएगा जिसमें विधानसभा सत्र में संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल को दे दी है लेकिन विभागों के बंटवारे कब होते हैं।इस पर ही सबकी नजरें टिकी हैं। शपथ लेने के बाद मंत्री भी अपने रुतबे का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनके पास अभी ना ही कोई विभाग है और ना ही कोई काम। इसके अलावा प्रदेश में विभागो में खाली कुर्सी के चलते कई काम अधूरे पड़े हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मी आंदोलन कर रहे हैं क्योंकि 31 मार्च को उनका अनुबंध पूरा हो रहा है और वह आगे अपनी नियुक्ति को नियमित करवाने की मांग कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्री की खाली कुर्सी के चलते उन पर कोई फैसला नहीं किया जा सकता। जहां एक तरफ भाजपा कैबिनेट मंत्रियों में विभागों का बंटवारा नहीं कर पाई है तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी देने में देरी कर रही है।वहीं कांग्रेस का कहना है कि जल्द ही जिम्मेदार शख्स को यह जिम्मेदारी दे दी जाएगी।इस तरह कांग्रेस भाजपा पर यह सवाल खड़े कर रही है कि सत्ता में बैठे भाजपा सरकार अपने मंत्रियों में विभागों का बंटवारा नहीं कर पा रही है, लेकिन वहीं भाजपा की ओर से यह कहा जा रहा है कि शपथ के बाद सीएम धामी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने और राष्ट्रपति आगमन के चलते काफी व्यस्त चल रहे हैं जल्द ही कैबिनेट का बंटवारा कर दिया जाएगा।कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सोच समझकर जिम्मेदारियां जिम्मेदार शख्स को सौंपना चाहती हैं। क्योंकि मजबूती के साथ आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस भी सोच समझकर प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष चुनना चाहती है तो वही चुनाव के 12 दिन बाद मुख्यमंत्री की घोषणा करने वाली भाजपा भी मंत्रियों में विभागों के बंटवारे को लेकर मंथन कर रही है। अब देखना यह होगा कि किसे, कब और कहां जिम्मेदारी मिलती है ?

 

 

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