रिपोर्ट – दीपिका गौड़, देहरादून
अगर आप भी ब्रांडेड कपड़े पहनने का शौक रखते हैं और खरीदारी करते हैं तो ध्यान रखे सावधानीपूर्वक खरीदारी करें क्योंकि ब्रांड के नाम पर नकली लेबल आदि लगाकर राजधानी देहरादून में कपड़े बेचे जा रहे हैं।
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हाल ही में राजधानी देहरादून के कोतवाली पुलिस थाने में कॉपीराइट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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बता दें कि देहरादून की कोतवाली थाने में ऑथराइज्ड कंपनी मैस वेलियंट एजेंसी के कर्मचारी मोहम्मद आसिफ ने शिकायत दर्ज करवाई थी जिस पर कार्यवाई की गई है।
मैस वेलियंट एजेंसी के कर्मचारी मोहम्मद आसिफ ने पुलिस को जानकारी दी थी कि देहरादून में कुछ दुकानदार रेमंड कंपनी के नकली माल बाजार में बेच रहे हैं और जिसके बाद वह अपनी टीम के साथ महाराष्ट्र से देहरादून पहुंचे और यहां उन्होंने छापेमारी की। देहरादून के पीपल मंडी चौक स्थित कुछ दुकानों में रेमंड कंपनी के नकली कपड़े पाए गए। उन पर कॉपीराइट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया और इसी के साथ ही देहरादून की कोतवाली पुलिस भी जांच में जुट गई।
क्या है कॉपीराइट एक्ट ?
अपनी मेहनत से बौद्धिक क्षमता के अनुरूप किसी वस्तु, लेख या कोई फिल्म आदि अगर आप बनाते हैं और उसे कोई अपने नाम पर बेच देता है तो आपके बौद्धिक अधिकार का हनन होता है। ऐसे में व्यक्ति को बौद्धिक अधिकार देने के लिए साल 1957 में पहली बार कॉपीराइट एक्ट नाम से कानून बनाया। यह कानून ब्रिटेन के इंपीरियल एक्ट 1911 पर आधारित था। कॉपीराइट एक्ट के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति कॉपीराइट का उल्लंघन करता है तो उसे कम से कम 6 माह से 3 साल तक की सजा हो सकती है और वही जुर्माने के तौर पर उसे 50000 से ₹200000 तक की रकम अदा करनी पड़ सकती है।